नई गाड़ी खरीदने पर जरूरी होगा ये काम, केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में हुआ बदलाव


 

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सार


Ministry of Road Transport and Highways (MoRTH), सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियमों (1989) में कुछ संशोधन किए हैं जिसके मुताबिक अब वाहन मालिकों के लिए कई सेवाओं का लाभ लेते समय अतिरिक्त जानकारी देने को अनिवार्य बना दिया गया है।

 

विस्तार


इस नए संशोधन के मुताबिक, वाहन मालिकों को नए वाहन के पंजीकरण के समय अपने मोबाइल फोन की जानकारी देना अनिवार्य हो गया है। कई अन्य सेवाओं का लाभ उठाते वक्त भी वाहन मालिकों को मोबाइल फोन की जानकारी देना जरूरी होगा। इनमें एक नया वाहन पंजीकृत करना, एक वाहन को एक अलग आरटीओ में स्थानांतरित करना, वाहन से संबंधित और अन्य दस्तावेजों की डुप्लीकेट प्रति प्राप्त करना आदि शामिल हैं। 
 


 


सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इसके संदर्भ में, इस महीने की शुरुआत में एक मसौदा अधिसूचना जारी की थी और विभिन्न अन्य मंत्रालयों और विभागों को भी यह जानकारी दी है। इन विभागों को मोबाइल फोन की जानकारी को दर्ज करने के लिए कई फॉर्म में बदलाव करना होगा। इसमें फॉर्म नंबर 20, 23A, 25, 27 और कई अन्य जैसे फॉर्म शामिल हैं। इनमें से कई फॉर्म एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) प्रदान करने, पते के परिवर्तन, व्हीकल हाइपोथिकेशन की एंट्री या रद्द होने जैसी सेवाओं से संबंधित हैं। 



 


मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने वाहनों के पंजीकरण से संबंधित किसी भी सेवा का लाभ लेने वाले मालिकों के मोबाइल नंबरों को दर्ज के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में संशोधन किया है। जीएसआर नंबर 178 ई इस महीने की 16 तारीख को अधिसूचित किया गया। नियम के तहत फॉर्म नंबर 20, 23A, 24, 25, 26, 27, 28, 30, 31, 32, 33, 34, 35, 36, 42, 44 में संशोधन किया गया है। ये फॉर्म मोटर वाहनों से जुड़े विभिन्न पहलू से संबंधित हैं, जैसे, पंजीकरण, स्थानांतरण, वाहनों का रजिस्ट्रेशन, नवीनीकरण, डुप्लीकेट कॉपी, एनओसी प्रदान करना, पता बदलना, किराया / खरीद / हाइपोथेकेशन के लिए प्रविष्टि आदि। संशोधित नियमों के अनुसार, वाहन मालिक जब भी संबंधित सेवाओं में से किसी का लाभ उठाने के लिए आवेदन करते हैं, तो उन्हें अपने मोबाइल नंबर देने की आवश्यकता होती है।"