धोनी की अगुवाई में भारत ने 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप और 2011 में वनडे वर्ल्ड कप का खिताब जीता था. वह भारत के सबसे सफल कप्तान और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपरों में से एक माने जाते है.
भारतीय क्रिकेट टीम के वर्ल्ड कप विजेता कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के शुरुआती दिनों में सिर्फ 30 लाख रुपये कमाकर अपने गृहनगर रांची में शांति से रहना चाहते थे. यह खुलासा भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज और धोनी के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करने वाले वसीम जाफर ने किया.
30 लाख रुपये कमाने की चाहत
धोनी की अगुवाई में भारत ने 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप और 2011 में वनडे वर्ल्ड कप का खिताब जीता था. वह भारत के सबसे सफल कप्तान और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपरों में से एक माने जाते है. जाफर ने कहा कि धोनी से एक बार उन से कहा था कि वह ‘क्रिकेट खेल कर 30 लाख रुपये कमाना चाहते है.'
IPL की संभावना कम
जाफर ने ट्विटर लिखा, ‘मुझे याद है जब वह भारतीय टीम में अपने पहले या दूसरे साल में थे तब उन्होंने कहा था, वह क्रिकेट खेल कर 30 लाख रुपये कमाना चाहते थे ताकि वे रांची में शांति से जीवन व्यतीत कर सकें.’ मुंबई के इस बल्लेबाज ने पिछले महीने क्रिकेट के सभी प्रारुप से संन्यास की घोषणा की.
उन्होंने यह बात ट्विटर पर एक प्रशंसक के सवाल यह प्रतिक्रिया देते हुए कही. प्रशंसक ने उनसे धोनी से जुड़ी याद साझा करने को कहा था. पिछले साल इंग्लैंड में हुए वनडे वर्ल्ड कप के बाद धोनी ने प्रतिस्पर्धी क्रिकेट नहीं खेला है. वह इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) से वापसी करने वाले थे लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इस साल टूर्नामेंट के आयोजन की संभावना बहुत कम है.
कोरोना महामारी में दान को लेकर हुआ था बवाल
वैश्विक महामारी कोरोना के कारण अब तक 30,000 से अधिक मौतें हुई हैं. भारत में अब तक 25 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. जानलेवा कोरोना वायरस लड़ने के लिए खेल जगत के कई दिग्गज उतर आए हैं. धोनी ने पुणे स्थित एक एनजीओ के माध्यम से 1 लाख रुपये का योगदान दिया. धोनी की इस आर्थिक मदद को लेकर उनके फैंस ने सोशल मीडिया पर जमकर नाराजगी जताई. एक फैन ने लिखा- 800 करोड़ रुपये कमाने वाले धोनी ने सिर्फ एक लाख रुपये की मदद की...यह दुखद है.
हालांकि ऐसी रिपोर्ट है कि पुणे स्थित एनजीओ ने लोगों को मदद पहुंचाने के लिए 12.5 लाख रुपये जमा करने का लक्ष्य रखा था. जिसमें एक लाख रुपये कम पड़ रहे थे. ऐसे में धोनी ने इस रकम को पूरा किया. उन्होंने क्राउडफंडिंग वेबसाइट केटो के माध्यम से पुणे स्थित मुकुल माधव फाउंडेशन को सहयोग के तौर पर एक लाख रुपये दिए.
यह फाउंडेशन लॉकडाउन के दौरान 14 दिनों तक करीब 100 परिवारों के लिए भोजन की व्यवस्था करेगा. इससे संदेश यह गया कि धोनी ने महज एक लाख रुपये का दान किया है और वह ट्रोल किए जाने लगे. अभी धोनी की ओर से दान की घोषणा नहीं हुई है.