मुंबई की कैपस्टोन फॉरेक्स लिमिटेड पर आरोप है कि कंपनी ने अलग-अलग शेल कंपनियों से 700 करोड़ रुपये हासिल किए. आरोप है कि इन शेल कंपनियों ने विभिन्न बड़ी और प्रतिष्ठित कंपनियों को भी फंड ट्रांसफर किया.
- शेल कंपनियों ने प्रतिष्ठित कंपनियों को फंड ट्रांसफर किया
- मामले में अधिकांश कॉरपोरेट्स सफाई देने में सक्षम नहीं
मुंबई की कंपनी कैपस्टोन फॉरेक्स प्राइवेट लिमिटेड पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का शिकंजा कसता जा रहा है. दरअसल, ईडी की जांच से पता चलता है कि कैपस्टोन फॉरेक्स ने अलग-अलग शेल कंपनियों से 700 करोड़ रुपये हासिल किए. जांच एजेंसी की पूछताछ के दौरान ज्यादातर शेल कंपनियां, कैपस्टोन फॉरेक्स को फंड ट्रांसफर करने की वजह साबित करने में नाकाम रहीं.
आरोप है कि इन शेल कंपनियों ने विभिन्न बड़ी और प्रतिष्ठित कंपनियों को भी फंड ट्रांसफर किया. ईडी की जांच के दायरे में आने वाले कॉरपोरेट्स में- सीजी पावर सॉल्यूशंस, इंडियनपोल्स हॉस्पिटैलिटी (जय मेहता ग्रुप), कंसल्शाह फाइनेंशियल सर्विसेज, इरोस इंटरनेशनल मीडिया, जैन एनर्जी (जैन इरिगेशन ग्रुप), नवरकर बिल्डर्स, नेक्स्ट जेन फिल्म्स और स्वतंत्रवीर वीडी सावरकर मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी शामिल हैं. हालांकि, इस मामले में अधिकांश कॉरपोरेट्स सफाई देने में सक्षम नजर नहीं आए.
डेलवाइज ग्रुप से भी जुड़ा था कैपस्टोन का नाम
इससे पहले एडेलवाइज ग्रुप के चेयरमैन रशेश शाह से भी कैपस्टोन फॉरेक्स प्राइवेट लिमिटेड का नाम जुड़ा था. इसको लेकर बीते माह ईडी की ओर से एक समन भी जारी किया गया. हालांकि, एडेलवाइज फाइनेंस सर्विसेज ने आरोपों से इनकार कर दिया था.
इसके साथ ही कहा था कि ग्रुप की किसी भी कंपनी ने संबंधित फर्म के साथ कोई लेनदेन नहीं किया है. तब कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया, "हमें ईडी की ओर से कैपस्टोन फॉरेक्स प्राइवेट लिमिटेड नामक एक कंपनी के साथ एडेलवाइज ग्रुप की कंपनियों को लेकर एक संदेश मिला है. हम यह बताना चाहते हैं कि हमारी किसी भी कंपनी का कैपस्टोन फॉरेक्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ कोई लेनदेन नहीं है. हम आधारहीन आरोपों को सिरे से नकारते हैं. हमें हैरानी हो रही है.''